Content जिसे हिंदी में विषय-वास्तु कहा जा सकता है.
मौजूदा दौर में बेहतर Content की डिमांड हर क्षेत्र में है . Content लिखने से
पहले Content के विषय को निर्धारित किया जाता है. किस
विषय के किस Topic पर कंटेंट लिखना ये फ़ाइनल होने के बाद कंटेंट
डेवलपमेंट की प्रक्रिया शुरू होती है. Content लिखने से पहले ये भी ध्यान में रखना होता है
कि हम किस माध्यम के लिए कंटेंट लिख रहे हैं . मौजूदा डिजिटल दौर में अधिकतर
डिजिटल प्लेटफोर्म के लिए Content की डिमांड ज्यादा होती है. एक बेहतरीन Content यानी Article writing के लिए जिन
प्रमुख बिन्दुओं का ध्यान रखना होता है वो निम्न प्रकार है .
Select the Subject
सबसे पहले content subject क्लियर होना चाहिए .Subject जिसकी डिमांड हो, जो किसी समस्या का सामाधान करता हो, कोइ जानकारी या विचार देता हो. यदि किसी संस्था, कंपनी या वेबसाईट के लिए content लिखते समय उसके अनुसार विषय का निर्धारण होता है . content के विषय का निर्धारण करते समय इस बात ध्यान रखना चाहिए कि Whom To Write? यानी किसके लिए लिख रहे हैं.
- Research :
जिस विषय
पर content लिखते है,
उस विषय की पूरी जानकारी होना आवश्यक है. इस
लिए जिस विषय पर लिखने जा रहे हैं उसका व्यापक अध्ययन होना आवश्यक है. किसी भी Topic पर कंटेंट
लिखने से पहले उस विषय के बारे विभिन्न श्रोतों से उस विषय के विभिन्न पहलुओं की
जानकारी हासिल करनी चाहिए. उस विषय से सम्बंधित लिखे अन्य content पढ़ना चाहिए.
सरल और सहज शब्दों का चयन :
जब कोई भी Article या content इस तरह लिखा जाना चाहिए कि हर वर्ग का पाठक उसे पढ़ के आसानी से समझ ले. हिंदी में Content लिखते समय कठीन शब्दों का प्रयोग करने की जगह आम प्रयोग में आने वाले शब्दों
का प्रयोग बेहतर होता है. वाक्य ज्यादा बड़े होने के बजाय छोटे वाक्य ज्यादा communicative होते हैं . इसलिए
सरल शब्द, छोटे वाक्य के साथ गूढ़ विषय को प्रस्तुत कर देना ही Content Writing की सफलता है.
आकर्षक शीर्षक :
शीर्षक ऐसा होना चाहिए जैसे गागर में सागर. यानी कम से कम शब्दों सरलता से विषय का परिचय करादेना ही सफल शीर्षक माना जाता है . ऐसे होना चाहिए जो कुछ ही
शब्दों पूरे content के सब्जेक्ट से रूबरू करा दे .
ब्लॉग या वेबसाईट के लिए कंटेंट लिखते समय टॉपिक का
जिक्र heading में सही नहीं होगा तो विजिटर कंफ्यूज हो जायेंगे और वह ब्लॉग से तुरंत ही वापस चले जायेंगे. जिससे
ब्लॉग का बाउंस रेट high हो जायेगा जो ब्लॉग के लिए सही नहीं है.
शुरुआत बेसिक विषय-वास्तु से करें :
आप जिस भी टॉपिक पर आर्टिकल लिख रहे हो.
उसे शुरू से शुरू करे. मतलब यह की टॉपिक के बेसिक चीजो को शुरू में जरुर
बताये. जैसे मैंने अपने इस आर्टिकल high quality
content kaise likhe? में पहले यह बताया
है की high quality
content kya hota hai?
प्रस्तुति और लेखन शैली ( Presentation and Writing Style )
: Content लिखते समय कंटेंट के विषय वस्तु के प्रस्तुति का भी महत्त्व होता है . कंटेंट
के विषय के आधार पर कंटेंट के प्रस्तुतीकरण की शैली निर्भर करता है. कंटेंट आम तौर
पर दो तरह का होता है, dhate mahatv ke aadhaar pr present
kiyaa jataa hai .
मौजूदा दौर में search engine friendly C0ntent लिखना जरूरी है .
यदि आप अपने ब्लॉग को लेकर काफी सीरियस है
और उसे एक कैरियर के रूप में चाहते है तो आपको हमेशा search engine friendly articles लिखना होगा. क्योकि बगैर इसके आप सर्च इंजन में आप अच्छी
रैंकिंग नहीं प्राप्त कर सकते है. और बगैर अच्छी रंकिंग के आर्गेनिक ट्रैफिक नहीं
बढेगी.
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